An Unbiased View of रंगीला बाबा का खेल

जबकि ऐसा कोई प्रावधान चुनाव आयोग के नियमों में नहीं है. मैं माननीय चुनाव आयोग से प्रार्थना करता हूँ कि वो वाराणसी ज़िला प्रशासन को उचित दिशानिर्देश देकर, इस देश के लोकतंत्र में हमारे विश्वास को मज़बूती दें."

मोहम्मद शाह के जन्म के वक़्त औरंगज़ेब आलमगीर ने हिंदुस्तान में एक ख़ास क़िस्म का कट्टर इस्लाम लागू कर दिया था और उसका सबसे पहला निशाना वो कलाकार बने जिनके बारे में ये राय थी कि वो इस्लामी उसूलों का पालन नहीं करते.

ख़ुद औरंगज़ेब ने अपनी कट्टर सोच, कठोर प्रशासन और बिना वजह सेना बढ़ाने से तख़्त के पांव में दीमक लगाना शुरू कर दी थी.

मसलन हिंदुस्तान के गवैये 'नादरना धीम-धीम' कर के हमारा मज़ाक उड़ाते हैं, या फिर ये कि 'हम तो हमला करने नहीं बल्की अपनी फूफी जान से मुलाक़ात करने आए थे.' मज़ाक अपनी जगह, असल सबब सिर्फ़ दो थे.

किसी किले की तरह ये आश्रम दिखता है. बाबा के दूसरे आश्रमों में भी इसी तरह का नजारा है. लगभग सभी आश्रम कई फुट ऊंची मजबूत दीवारों से घिरी हैं. कानपुर आश्रम में गेट के भीतर फूलों की ताजा लड़ियां करीने से लगी है, तैयारी पूरी है. बाबा आए या ना आए, लेकिन आश्रम को सजा रखा जाता है.

हरियाणा चुनाव में बीजेपी की जीत क्या आरएसएस की बदौलत हुई?

विजयादशमी पर मोहन भागवत के भाषण की तीन बातें और उनके राजनीतिक मायने

सब स्थिर हो जाता है. ये कुछ पल मानव संस्कृति की सबसे बड़ी उपलब्धि हैं, जो बताते click here हैं कि हम इतिहास में इतनी समृद्ध व्यवस्था वाले रहे हैं, जहां प्रकृति के हर हिस्से और किस्से से हमारा जुड़ाव रहा है. ये हमारा इतिहास है जो हमें वर्तमान में भी इतना ही उन्नत बनने की प्रेरणा देता है.

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सीएम योगी आदित्यनाथ ने होटल्स और रेस्टोरेंट में जांच करने के साथ ही सीसीटीवी लगाने का निर्देश दिया है.

समझना मुश्किल हो गया कि नेपथ्य में बजते 'जय राम रमा रमनं समनं' पर खड़े होकर झूम रही भीड़ उन दर्शकों की है, जो सिर्फ एक नृत्य नाटिका देखने आए थे या फिर इस समूची दर्शक दीर्घा को ही इस नृत्यनाटिका में अयोध्या वासी बनने का किरदार दे दिया गया था. ये सब कुछ श्रीराम भारतीय कला केंद्र के यशस्वी कलाकारों की कलासिद्धि और उसकी सार्थकता ही थी कि उन्होंने लगभग तीन घंटे के अपने जादुई प्रदर्शन में भक्ति की शक्ति का वो सुंदर रूप प्रस्तुत किया कि, जब दर्शकों की आंखें एक लंबे समय बाद घुप्प अंधेरे से उजाले में खुलीं तो उन आंखों में 'तमसो मा ज्योतिर्गमय' का सूत्रवाक्य आकार ले रहा था.

प्रशांत कुमार मिश्र, राजनीतिक विश्लेषक

उन्होंने कई मुद्दों पर कॉमेडी वाले वीडियो भी बनाए जो काफी वायरल हुए.

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